यूटी पुलिस में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट की पोस्ट पर तैनात महिला अफसर को अपने साथ घूमने जाने के लिए प्रपोज करने पर डीएसपी एसपीएस सौंधी के खिलाफ सख्त एक्शन होगा। उन्हें यूटी पुलिस की सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटी ने दोषी करार दे दिया है।
अब डीजीपी संजय बेनीवाल ने डीएसपी सौंधी के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के लिए एडवाइजर परिमल राय को लिखा है। जल्द ही एडवाइजर इस पर एक्शन लेंगे। चर्चा है कि डीएसपी सौंधी को सस्पेंड किया जा सकता है या फिर उनका स्टेट रैंक वापस भी वापस लिया जा सकता है।
यह पहला मामला है, जिसमें यूटी प्रशासन की किसी सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटी ने किसी अफसर को जांच में दोषी करार दिया है। एसपीएस सौंधी इस समय डीएसपी ट्रैफिक के पद पर तैनात हैं। महिला अफसर ने आरोप लगाया था कि डीएसपी सौंधी जब होमगार्ड में तैनात थे तो एक दिन अपने ऑफिस में बुलाया और कहा कि उसके साथ उनके जीरकपुर के घर पर जाना है।
इस पर महिला ने मना कर दिया। लेकिन जब वह घर जा रही थी तो बीच रास्ते डीएसपी सौंधी ने उन्हें कहा कि उनकी प्रपोजल का क्या बना? इस पर महिला अफसर ने विरोध किया और अफसरों को शिकायत की। आरोप है कि जब डीएसपी सौंधी को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने होमगार्ड के रजिस्टर में टेम्परिंग कर महिला अफसर के खिलाफ ही एक रिपोर्ट दर्ज कर दी। इसमें लिखा कि महिला अफसर ने उनसे अभद्र व्यवहार किया है।
कमेटी ने जांच में आरोप सही पाए : महिला की शिकायत की जांच हुई तो डीजीपी ने इसकी जांच का जिम्मा डीएसपी अंजिथा चेपल्या की अगुआई में बनी सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटी को दिया। कमेटी में कंज्यूमर कोर्ट की रिटायर्ड चेयरपर्सन, इंस्पेक्टर रीना और कुलबीर कौर को भी शामिल किया गया। इन्होंने जांच की तो सामने आया कि महिला अफसर के लगाए गए आरोप सही हैं।
महिला अफसर की जो रिपोर्ट डीएसपी सौंधी ने लिखी, वह भी टैंपर हैं। इस रिपोर्ट की कोई काॅपी कभी पुलिस हेडक्वार्टर में पहुंची ही नहीं और न ही कभी उस रिपोर्ट पर डायरी नंबर लगा। इस पर कमेटी ने साैंधी को दोषी करार दे दिया। चूंकि मामला डीएसपी से जुड़ा है और एक्शन सिर्फ एडवाइलर ले सकते हैं, इसलिए डीजीपी संजय बेनीवाल ने मामले में सख्त एक्शन लेने के लिए फाइल एडवाइजर के पास भेज दी है।
झूठ ज्यादा दिन नहीं चलेगा, कमेटी की साजिश बेनकाब करूंगा : कमेटी की अध्यक्ष पर डीएसपी एसपीएस सौंधी ने आरोप लगाया है कि सारी रिपोर्ट साजिश के तहत बनाई गई है। इस केस में उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी थी, लेकिन बाद में फंसाने के लिए दोबारा चुपचाप इंक्वायरी खोल दी गई। पिछले सारे डॉक्यूमेंट इंक्वायरी कमेटी ने खुर्द-बुर्द कर दिए। कागजातों को टेंपर कर दिया और उसके बाद इंक्वायरी में उन्हें दोषी करार दिया।
सौंधी के मुताबिक आपसी खुन्नस निकालने के लिए एेसा किया गया है और वे इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे। सारी साजिश को बेनकाब करेंगे। उन्होंने कहा कि बेवजह महिला को उकसाकर आरोप लगवाए गए हैं। महिला ने सेक्सुअल हैरासमेंट का आरोप भी नहीं लगाया, बावजूद इसके सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटी को इसकी जांच सौंपी गई। इंक्वायरी पहले दिन से ही उन्हें फंसाने के लिए खोली गई थी।
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