Thursday, January 31, 2019

富士康改主意了:重新考虑美国威斯康辛州建厂计划

鸿海科技集团旗下的富士康(Foxconn)正在重新考虑在美国威斯康辛州的设厂计划,该计划在宣布之初曾为重振美国制造业带来了希望。

一名公司官员告诉路透社,这家台湾制造业巨头不再打算在威斯康辛的工厂生产液晶显示面板(LCD)。

公司计划聘请的大多数是工程师和研究人员,而非制造业工人。

这一变动与公司2017年在美国白宫新闻发布会上宣布的计划相比发生了重大转变。

当时,美国总统特朗普声称该项投资能落地有自己的一份功劳。他说,这表示他的政策正在吸引投资回流美国。

特朗普在去年夏天富士康的动土仪式上说,厂区建成后将会是"世界上第八大奇迹"。

富士康是苹果的主要供应商,公司承诺向该工厂投资100亿美元,最初预计雇佣3000名员工,人数最多可能有13000人,主要都是入门级的工作岗位。

富士康在周三的一份声明中提到全球市场格局变换,称公司的全部项目都在进行"调整以顺应这些新情况"。

"我们仍然致力于威谷科技园计划,创造13000个工作岗位,以及我们在威斯康辛州的长期投资。正如我们先前所说,现在的全球市场环境与我们宣布计划之初已发生改变,"富士康说。

威斯康辛州已同意以价值超过30亿美元的激励措施支持该项目,这一激励措施受到争议。

激励措施的批评者长期以来一直说,他们并不认为富士康会兑现其承诺。

该公司去年招聘人数并未达到年度目标,导致他们无法获得税务抵免。

富士康董事长郭台铭特别助理胡国辉(Louis Woo)告诉路透社,公司仍在评估威斯康辛州项目的不同选择,包括建立一个"技术中心",中心主要包括由针对医疗和工业的高新科技产品研发设施。

但他表示,美国高昂的劳动成本意味着在这里制造先进的电视屏幕并不实际。

"就电视而言,我们在美国没有地位,"他告诉路透社,"我们没有竞争力。"

Wednesday, January 23, 2019

राहुल गांधी पर छोड़ा भोपाल लोकसभा प्रत्याशी चयन का फैसला

भोपाल लोकसभा प्रत्याशी के चयन का फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर छोड़ दिया गया है। भोपाल लोकसभा प्रत्याशी चयन के लिए नियुक्ति किए गए प्रभारी पू्र्व सांसद रामेश्वर नीखरा ने भोपाल शहर एवं ग्रामीण तथा सीहोर जिले के अध्यक्ष और प्रकोष्ठों के अध्यक्षों से अलग-अलग चर्चा की। कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद मंगलवार को पीसीसी की बैठक भोपाल और सीहोर जिले के पदाधिकारियों की बैठक ली।

इसमें विधि विधायी एवं जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा और विधायक आरिफ मसूद, जिलाध्यक्ष कैलाश मिश्रा समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस के पदाधिकारी मौजूद थे। नीखरा वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी और आरिफ अकील से मिलने उनके आवास पर जाएंगे।

लोकसभा प्रत्याशी के लिए रायशुमारी के दौरान वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री  दिग्विजय सिंह,  कैलाश मिश्रा, फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर, नासिर इस्लाम, अरुण श्रीवास्तव, सुरेंद्र सिंह ठाकुर और मनोज शुक्ला के नाम सामने आए। इन सभी नामों पर नीखरा ने विचार करने का आश्वासन दिया और इससे मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया को अवगत कराने की भी बात कही। दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित के बेटे पूर्व सांसद संदीप दीक्षित का नाम भी चर्चा में आया।

अप्रिय स्थिति देखते हुए राहुल पर छोड़ा फैसला
पीसीसी की बैठक में नीखरा का भाषण खत्म हुआ तो अधिकांश लोगों ने मंच पर बोलने की बात कही। अप्रिय स्थिति बनती देख पार्षद गिरीश शर्मा ने प्रस्ताव रखा कि लोकसभा प्रत्याशी के चयन का फैसला राहुल गांधी पर छोड़ा जाए। यह जानकारी जिलाध्यक्ष मिश्रा ने पदाधिकारियों को मंच से पढ़कर सुुनाई और सर्वसम्मति से फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया गया। इधर, मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि पार्टी जो फैसला ले उसे सभी को मानना चाहिए।

कलेक्टोरेट में मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंची वल्लभ नगर निवासी एडवोकेट महिला ने स्ट्रीट डॉग नगर निगम के अफसरों से वापस दिलाने की मांग की। एडीएम दिशा नागवंशी ने इस मामले की जांच अपर आयुक्त नगर निगम को करने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल, एडवोकेट प्रीति पुष्पेंद्र ने एडीएम को बताया कि उन्होंने एक स्ट्रीट डॉग को बच्चे की तरह पाला था। 9 महीने तक उसको खिलाया पिलाया। उसके गले में एक पट्टा भी डाल रखा था कि ताकि उसकी पहचान आसानी से हो जाए। पिछले साल 22 अक्टूबर को उसे नगर निगम की डॉग स्कॉड उठाकर ले गई। इसके बाद से उसकी छानबीन कर रही हूं। लेकिन उसका पता नहीं चल रहा है। इस मामले में वेटनरी अस्पतालों समेत आश्रय ग्रह भी खंगाल डाले, लेकिन उसका डॉग नहीं मिला।

बस स्टैंड का जल्द शुरू करें काम
गांधीनगर में प्रस्तावित बस स्टैंड का काम बहुत वक्त से अधूरा पड़ा है, जिसकी वजह से आम लोगों के साथ ही स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जनसुवाई में पहुंचे सिंधी पंचायत के सदस्यों ने बताया कि प्रस्तावित बस स्टेंड का काम जुलाई 18 में शुरू हुआ था, जिसे छह माह में कंप्लीट करना था, लेकिन अब तक भी बस स्टैंड का काम  हो पाया है। पंचायत के सदस्यों में प्रस्तावित बस स्टेंड का काम जल्द शुरु कराने की गुहार लगाई है।

Friday, January 11, 2019

10वीं का मैथ्स होगा आसान, सीबीएसई 2020 से दो स्तरों में कराएगा गणित की परीक्षा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं के छात्रों में गणित की परीक्षा का तनाव कम करने के लिए अहम बदलाव करने जा रहा है। सीबीएसई 2020 से 10वीं की गणित की परीक्षाएं दो स्तरों पर कराएगा। सीबीएसई के

सर्कुलर के मुताबिक, ये दो स्तर मैथमेटिक्स स्टैंडर्ड और मैथमेटिक्स बेसिक होंगे। स्टैंडर्ड का पाठ्यक्रम मौजूदा स्तर का ही होगा, जबकि बेसिक को आसान बनाया जाएगा।

सीबीएसई के मुताबिक, यह सभी को पता है कि सबसे कठिन विषय 'गणित' की परीक्षा के पहले या उसके दौरान छात्रों को सबसे अधिक तनाव रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने दो स्तरों पर परीक्षा कराने का फैसला

किया है, मार्च 2020 सत्र के बाद लागू हो जाएगा।

पाठ्यक्रम, क्लासेस, आंतरिक परीक्षाएं होंगी एक जैसी

बोर्ड के मुताबिक, दोनों स्तरों के पाठ्यक्रम, क्लासरूम, आंतरिक परीक्षाएं एक जैसी होंगी, इससे छात्रों को पूरे वर्ष सभी टॉपिक पढ़ने का मौका मिल सकेगा। इसके बाद वे अपनी क्षमताओं के आधार पर फैसला ले सकेंगे कि

उन्हें कौन सी परीक्षा में शामिल होना है। हालांकि ये स्तर 9वीं की परीक्षाओं में लागू नहीं होंगे।

परीक्षा फॉर्म भरते वक्त करना होगा स्तर का चुनाव

स्टैंडर्ड लेवल उन छात्रों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जो आगे की पढ़ाई गणित विषय के साथ करना चाहते हैं। वहीं, बेसिक स्तर उनके लिए होगा, जो गणित में उच्च शिक्षा हासिल नहीं करना चाहते। छात्र परीक्षा फॉर्म भरते

वक्त स्टैंडर्ड या बेसिक मैथ्स में एक का विकल्प चुन सकते हैं। अगर छात्र गणित में फेल हो जाता है तो कंपार्टमेंट परीक्षा में परीक्षा का स्तर बदल सकता है। अगर छात्र ने मैथमेटिक्स बेसिक को चुना है और वो यह एग्जाम पास

कर लेता है तो वो अपना स्तर सुधारने के लिए कंपार्टमेंट एग्जाम में मैथमेटिक्स स्टैंडर्ड की परीक्षा दोबारा दे सकता है।

अमेरिकी मैग्जीन ने यह दावा भी किया कि पिछले कुछ महीनों में बेजोस ने सांचेज को कई आपत्तिजनक तस्वीरें और मैसेज भेजे। मैग्जीन का कहना है कि वह 11 पेज की रिपोर्ट में सारे फोटो दर्शकों तक पहुंचाएगी।

डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी हैं अमेरिकी मीडिया इंक के मालिक
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक द एनक्वाइरर हॉलीवुड के लोगों की सनसनीखेज रिपोर्टिंग के लिए जानी जाती है। लेकिन, बेजोस की रिपोर्टिंग की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हो सकते हैं।

ट्रम्प कई बार अमेजन और बेजोस की निंदा कर चुके हैं। ट्रम्प अपने खिलाफ वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्टिंग को लेकर भी बेजोस पर निशाना साध चुके हैं। बेजोस वॉशिंगटन पोस्ट के भी मालिक हैं।

द एनक्वाइरर की पेरेंट कंपनी अमेरिकन मीडिया इंक के मालिक डेविड पेकर से ट्रम्प के अच्छे रिश्ते हैं। ट्रम्प के खिलाफ प्रकाशित खबरों को दबाने के लिए पेकर ट्रम्प और उनके पूर्व वकील के साथ 2016 में काम कर चुके हैं।

Sunday, January 6, 2019

मायावती-अखिलेश की मुलाकात, सीबीआई का शिकंजा और यूपी की पॉलिटिक्स

इस भरोसे की सबसे बड़ी वजह तो यही है कि भारत में सबसे ज़्यादा - जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, अटल बिहारी वाजपेयी और तो और नरेंद्र मोदी भी - प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से चुनाव जीतकर आते रहे.

दूसरी वजह देखनी हो तो 2014 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए इस राज्य ने सबसे ज़्यादा 73 सांसदों को जिताया, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि 2019 में क्या होगा?

ये सवाल पिछले साल हुए गोरखपुर, फूलपुर और कैराना के उपचुनाव के नतीजों के बाद से ही तैरने लगे थे, जिसमें विपक्ष के महागठबंधन ने बीजेपी के उम्मीदवारों को हरा दिया था.

शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी के अध्यक्ष मायावती की मुलाकात ने नई दिल्ली की ठिठुराती सर्दी में राजनीतिक पारे को बढ़ा दिया है.

माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान 2019 के आम चुनावों के लिए बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में सहमति बन गई है, हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. लेकिन दोनों पार्टी में कई नेताओं का दावा है कि कुछ दिनों में तस्वीर पूरी तरह साफ़ हो जाएगी.

गठबंधन पर सहमति
अखिलेश यादव के भाई और बदायूं से समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव का कहना है, "यूपी में गठबंधन के लिए शीर्ष स्तर पर लगातार बात हो रही है, समय आने पर गठबंधन की घोषणा कर दी जाएगी. "

वहीं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्दुल हफ़ीज गांधी बताते हैं, "गठबंधन को लेकर आपसी सहमति बन गई है."

हालांकि अभी ये पूरी तरह तय नहीं है कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, इसको लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन अभी ये भी तय नहीं है कि गठबंधन में कौन कौन से दूसरे दल शामिल होंगे.

अब्दुल हफ़ीज कहते हैं, "कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा या फिर गठबंधन में और कौन से दल शामिल होंगे, इसके बारे में अंतिम फ़ैसला दोनों पार्टी के अध्यक्ष तय करेंगे."

वैसे गठबंधन के भविष्य को लेकर कुछ सवाल सहयोगी दलों को लेकर भी बने हुए हैं, मसलन समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन में कांग्रेस शामिल होगी या नहीं, ये सस्पेंस बना हुआ है.

मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के दो सांसद हैं- सोनिया गांधी और राहुल गांधी. ये भी कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी इन्हीं दोनों सीटों को कांग्रेस के लिए छोड़ने को तैयार हैं.

जबकि दूसरी ओर राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने से कांग्रेस पार्टी का मनोबल बढ़ा हुआ है. लेकिन कांग्रेस के गठबंधन में शामिल होने की संभावना अभी भी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुई है.

कांग्रेस का क्या होगा?
कांग्रेस विधानमंडल के नेता अजय कुमार लल्लू ने बताया, "महागठबंधन के लिए शीर्ष नेताओं के स्तर पर लगातार बातचीत जारी है. अभी कुछ नहीं कहा जा सकता." हालांकि कांग्रेस राज्य की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने के प्लान बी पर भी काम शुरू कर चुकी है.

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के खेमे में भी कुछ लोगों का मानना है कि कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में भारतीय जनता पार्टी का नुक़सान बढ़ेगा.

वैसे, समाजवादी पार्टी- बहुजन समाज पार्टी अपने गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल के अलावा कुछ अन्य दलों को भी साथ लेने पर विचार कर रही है, इसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (अभी एनडीए में शामिल) और अन्य छोटे छोटे दल शामिल हैं.

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